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Jagjit Singh - Vaishnava Stuti şarkı sözleri

Sanatçı: Jagjit Singh

albüm: Vaishnava Stuti


नम ॐ विष्णु-पादाय कृष्ण-प्रेष्ठाय भूतले
श्रीमते भक्तिवेदांत-स्वामिन् इति नामिने

नमस्ते सारस्वते देवे गौर-वाणी-प्रचारिणे
निर्विशेष-शून्यवादि-पाश्चात्य-देश-तारिणे

वांछा-कल्पतरूभयशच कृपा-सिंधुभय एव च
पतितानाम पावने भयो वैष्णवे नमो नमः

हे कृष्ण करुणा-सिंधु, दीन-बन्धु जगत्पते
गोपेश गोपिकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते

तप्त-कांचन गौरांगी, राधे वृन्दावनेश्वरी
वृषभानु सुते देवी, प्रणमामि हरी प्रिये
श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद
श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृन्द

हरेर्नाम हरेर्नाम हरेर्नामैव केवलम्
कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा

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