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Roop Kumar Rathod - Yeh Zamin Hai (From "Dillagi") şarkı sözleri

Sanatçı: Roop Kumar Rathod

albüm: Musical Voice of Roop Kumar Rathod


वाहे गुरु जी का ख़ाल्सा
वाहे गुरु जी की फ़तेह

ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे-मेरे वास्ते
नई मंज़िलों को चले नए रास्ते
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते

इस गगन के तले हम जो घर से चले
सिर्फ़ ये ख़्वाब ही साथ है
इस गगन के तले हम जो घर से चले
सिर्फ़ ये ख़्वाब ही साथ है
अगले ही मोड़ पर होने को है सहर
बस ज़रा देर को रात है
ख़ुशियों से होनी अभी मुलाक़ात है
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे-मेरे वास्ते

जाने क्यूँ ये हुआ, क्यूँ चली ये हवा?
बुझ गए हर ख़ुशी के दिए
जाने क्यूँ ये हुआ, क्यूँ चली ये हवा?
बुझ गए हर ख़ुशी के दिए
कैसी रुत आई है, साथ जो लाई है
इतने ग़म मेरे दिल के लिए
ये गर्म आँसू कोई कैसे पिए?
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे-मेरे वास्ते

ग़म की दीवार से, दुख की ज़ंजीर से
रुक सकी है कहाँ ज़िंदगी
ग़म की दीवार से, दुख की ज़ंजीर से
रुक सकी है कहाँ ज़िंदगी
इक नया हौसला ले के ये दिल चला
आरज़ू दिल में है फिर नई
इन आँखों में फिर हैं सजे ख़्वाब कई
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे-मेरे वास्ते
नई मंज़िलों को चले नए रास्ते
ये ज़मीं है रहगुज़र तेरे-मेरे वास्ते
हर घड़ी है इक सफ़र तेरे-मेरे वास्ते

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