कोई जुदा ना हो किसी से कभी कोई बाक़ी ना हों बातें अनकही जिसे चाहे ये दिल वो रूठे अगर तू मना ले उसे, झूठा सही झूठा ही सही, मेरे लिए तो आ जाओ ना जैसे सावन फिर से आते हैं, तुम भी आओ ना जैसे बादल घिर के आते हैं, तुम भी आओ ना जैसे सावन फिर से आते हैं, तुम भी आओ ना जैसे बादल घिर के आते हैं, तुम भी आओ ना ♪ जा रही मैं तेरी होके, शिकवे सारे खो के संग ले चली हूँ बीता लम्हा आदतें ये थीं जो मेरी, हो गईं हैं सारी तेरी कैसे तू कहेगा ख़ुद को तन्हा? इस बार जब जाओगे तुम, मुझे संग ले जाना ♪ जैसे लहरें लौट आती हैं, तुम भी आओ ना जैसे घड़ियाँ रुक जाती हैं, रुक जाओ ना जैसे सावन फिर से आते हैं, तुम भी आओ ना जैसे घड़ियाँ रुक जाती हैं, तुम भी जाओ ना