थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में सूरज चंदा के बेहतो सागर मने जग सारो अब ना भावे थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ एक तू ही जाने, थारी प्रीत बसी रग रग में एक तू ही जाने, थारी प्रीत बसी रग रग में सावनयो बह जावे झर झर याद जगमे मने थारी आवे बीकानेर गयो ए नादान बन्नी ए बीकानेर गयो ए नादान बन्नी ए तने बांधन घी चतराई बन्नी मैं लाकडी लाइयो ए तने बांधन घी चतराई बन्नी मैं लाकडी लाइयो ए हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में थारा रूप रंग सो कोई सोनो नाहीं जग में सूरज चंदा के बेहतो सागर मने जग सारो अब ना भावे जोधाने गयो ए नादान बन्नी ए जोधाने गयो ए नादान बन्नी ए तने पहनण घी चतराई बन्नी मैं मोजरी लाइयो ए तने पहनण घी चतराई बन्नी मैं जूती लाइयो ए हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ मैं सूती बादल मेल बनी ने क्यों जगानी ओ मैं सूती बादल मेल बनी ने क्यों जगानी ओ हू भूल गई थारी ऋत की खातिर सब में हू भूल गई थारी ऋत की खातिर सब में मेरी जान गई तू देख ले आकर मारी जाती सांसयन में फिर जी आवे जयपुरये गयो ए नादान बन्नी ए जयपुरये गयो ए नादान बन्नी ए थने ओहडन घी चतराई बन्नी मैं लहरियों लाइयो ए आ ओहडन घी चतराई बन्नी मैं लहरियों लाइयो ए हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ मैं सूती बादल मेल बन्नी ने क्यों जगानी ओ