Kishore Kumar Hits

Ashok Khosla - Kaun Jaane Ke şarkı sözleri

Sanatçı: Ashok Khosla

albüm: The Great Ghazals


कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में

मैंने लिखा था ज़रूरत है सहारे की मुझे
दो सहारा जो मुझे तुम तो इनायत होगी
इक सहारे की तुम्हें भी तो ज़रूरत होगी
कर लो शामिल मुझे आँखों की निगहबानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में

मैंने लिखा था मेरा कोई नहीं दुनिया में
महके आकाश पे जैसे कोई बादल तनहा
जैसे बसती के किसी मोड़ पे पीपल तनहा
जैसे मुरझाया हुआ कोई कमल पानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में

मैंने लिखा था मगर ये मुझे मालूम ना था
मैंने तुम्हें रूह की जहाँगीर नहीं लिख सकता
ख़त तो लिख सकता हूँ, तक़दीर नहीं लिख सकता
भूल जाना, भूल जाना कि ख़ता हो गई नादानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
कौन जाने कि तुम्हें याद भी है या कि नहीं
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में
मैंने एक ख़त तुम्हें लिखा था परेशानी में

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