Kishore Kumar Hits

John T Keats - Kyun Tu Zaroori şarkı sözleri

Sanatçı: John T Keats

albüm: Urban Lounge - Luxury Music


क्यूँ तू ज़रूरी सा होने लगा?
क्यूँ तू मेरे ख्वाबों में आने लगा?
क्यूँ सुबह को भी जाग के मैं, सोने लगी?
क्यूँ तुझ बिन हर खुशी अधूरी लगने लगी?
क्यूँ तू ज़रूरी सा होने लगा?
तू जो नहीं था, तो साँस कहाँ थी
बारिशों में अब जैसी वो बात कहाँ थी
तू जो नहीं था, तो साँस कहाँ थी
बारिशों में अब जैसी वो बात कहाँ थी
चाँद तो था फ़लक पे, पर सुकूँ की रात कहाँ थी
चाँद तो था फ़लक पे, पर सुकूँ की रात कहाँ थी
कमी थी ज़िन्दगी में, जिसे तू पूरी करने लगा
क्यूँ तू ज़रूरी सा होने लगा?
क्यूँ तू मेरे ख्वाबों में आने लगा?
महकी-महकी सी मेरी सुबह नहीं थी
शामें हसीं और बहकी रातें नहीं थी
महकी-महकी सी मेरी सुबह नहीं थी
शामें हसीं और बहकी रातें नहीं थी
सीने में दिल था धड़कता, पर ज़िन्दगी साथ कहाँ थी
सीने में दिल था धड़कता, पर ज़िन्दगी साथ कहाँ थी
कमी थी कुछ ज़िन्दगी में, जिसे तू पूरी करने लगा
क्यूँ तू ज़रूरी सा होने लगा?
क्यूँ तू मेरे ख्वाबों में आने लगा?
क्यूँ तू ज़रूरी सा होने लगा?

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