आँखों में है उगती सुबह सुबह की धूपों में खिले तू कुछ इस तरह तेरे दिल में हज़ारों छुपी हैं जो ख्वाहिशें वही तो है धड़कनें तेरी जिसे ढूँढे है तू, जिसे खोजे है तू जिसे पंक्षी प्यासा वही ढूँढे तुझे भी क्या तू जाने ये? क्या तू जाने ना? तू पहचाने ये? या पहचाने ना? क्या तू जाने ये? क्या तू जाने ना? तू पहचाने ये? या पहचाने ना? ♪ तू हवा का हल्का झोंका तेज आंधी तू ही है तू छोटा एक तिनका पर तुझसे बढ़कर ना कोई है तू ही दरिया है, तू ही किनारा भी तू ही ज़मी है तू ही तू ये आसमां भी तुझसे ही शुरू है कहानी तेरी पर तुझपे ना खतम ये दास्तां तेरी जैसे हर दिन उगती सुबह सुबह की धूपों में खिले फिर तू इस तरह क्या तू जाने ये? क्या तू जाने ना? तू पहचाने ये? या पहचाने ना? क्या तू जाने ये? क्या तू जाने ना? तू पहचाने ये? या पहचाने ना?