दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए? जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए ऊँची-ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में ना कुछ तेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए? ♪ जैसे परबत पे घटा झुकती है जैसे सागर से लहर उठती है ऐसे किसी चेहरे पे निगाह रुकती है जैसे परबत पे घटा झुकती है जैसे सागर से लहर उठती है ऐसे किसी चेहरे पे निगाह रुकती है रोक नहीं सकती नज़रों को दुनिया-भर की रस्में ना कुछ तेरे बस में ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए? जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए ♪ आ, मैं तेरी याद में सब को भुला दूँ दुनिया को तेरी तस्वीर बना दूँ मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ दौड़ रहा है साथ लहू के प्यार तेरा नस-नस में ना कुछ तेरे बस में ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए? जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए