चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा ये क्या मुझे होने लगा? पहली दफ़ा मचला है दिल दिल से बाहर निकला है दिल बेताब हूँ, महव-ए-ख़्वाब हूँ चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा ये क्या मुझे होने लगा? ♪ कुछ आ रहा है, कुछ जा रहा है आता-जाता हर पल तड़पा रहा है आवारापन वो, दीवानापन वो याद आ रहा है मस्तानापन वो चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा ये क्या मुझे होने लगा? पहली दफ़ा मचला है दिल दिल से बाहर निकला है दिल ♪ आती हवाएँ देके सदाएँ कहती हैं, "गुज़रे लम्हे भुलाएँ" हैं आज में ही हर ख़्वाब कल के यूँ आज को भी छोड़ा ना जाए चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा ये क्या मुझे होने लगा? बेताब हूँ, महव-ए-ख़्वाब हूँ चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा ये क्या मुझे होने लगा?