या या या... हाँ उखाड़ा क्या ज़िन्दगी में तूने बेटे मेरी थोड़ी बात तो ले सुन जहाँ मुझे बंदगी सी लगी वहां लिखा मेरे हाथ से ही खून तू ना मेरा बडी जभी बोले मुझे तू के तेरे रास्ते को चुन मैं ना बोल पाया कुछ... लेकिन मेरे पास थी कलम चाहे सात ले जनम, बनेगा ना मेरे जैसे माँ की कसम चाहिए मुझे पैसा खाली माँ के कारन, वरना खुश तो मैं वैसे भी साथ है करम (आह) घिसे पिटे बात में ना दम तेरे (आह), झूठे मैंने लाशें दफ़न करे (आह) सूखे हुए पेड़ को ना फल लगे. बल से ना हल हो तो कल को सफल करे (चल) सोच सोच... करा क्या है ज़िन्दगी में तूने? सोच सोच... करना क्या है ज़िन्दगी में तुझे? (आ) सोच सोच... मैं तो करूँ जो भी मुझे लगे (हाँ) सोच सोच सोच सोच सोच!!! क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? मकसद? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? मकसद? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा? कौन देते साथ हैं और कौन देते दगे? (कौन देते दगे? (हाई पिच में)) कौन बोले सॉंप हैं, और कौन तेरे सगे? (कौन तेरे सगे (हाई पिच में)) मौका ना मिला तो छोटे मौका तू बना ले तो ही बढ़े... आगे तू कब तक जागे तू? कब तक मुश्किलों से भागे तू? तू ना कुछ मैं हूँ खुश किया खुद सारे चुप लगे भूक जभी सारे फेरे मुँह (या) तारे मैं देखूं जाना आसमाँ के पार ... खाने में है रू . (हाँ) सारे में है रूम... सारे ये हैं गुम... सपनों को ढूँढ़ता आँखें रही मूँद आग है मेरे में उसे बुझने ना दूँ बोलना चाहता है लेकिन चुप है ना तू... बेटे होती बुद्धि लागू जब भी सुस्ती ना छोड़े पीछा घूँट पीला दूँ तुझे ज़िन्दगी का बड़ी बात छोटा मुँह तड़ी पार तू है जो जभी घर वाले ढूंढ रहे जब भी ज़िम्मेदारी सर पे तू होगा तेरे घर पे ना बैठा होगा डर के बे ले लूँ सारा लड़ के सर पे ये कर्ज़े भरेगा तू कैसे करेगा तू कैसे (आं) सोच सोच... करा क्या है ज़िन्दगी में तूने? सोच सोच... करना क्या है ज़िन्दगी में तुझे? (आ) सोच सोच... मैं तो करूँ जो भी मुझे लगे (हाँ) सोच सोच सोच सोच सोच!!! क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? मकसद? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? मकसद? क्या तेरा मकसद? ... क्या तेरा? क्या तेरा? क्या तेरा?