कैसे कहूँ मैं जो दिल में छुपा! तुम बिन कहे सुन लो ना कैसे सहूँ मैं जो दिल में दबा! तुम मरहम भर दो ना देखो ना अब हम कहाँ आ गये! अंधेरी राहों पे हम आ फँसे देखो ना अब हम कहाँ आ गये! अंधेरी राहों पे हम आ फँसे बढ़ते गये पर हम अपने साये मे ढ़लते रहे बिखरते गये पर हम अपने ही टुकड़ों पे चलते रहे ♪ कहना था जो भी था दिल में छुपा आँसू ने कह दिया गहरा सा जो भी था दिल में दबा ख़ामोशी में सह लिया देखो ना अब हम कहाँ आ गये! अंधेरी राहों पे हम आ फँसे देखो ना अब हम कहाँ आ गये! अंधेरी राहों पे हम आ फँसे बढ़ते गये पर हम अपने साये मे ढ़लते रहे बिखरते गये पर हम अपने ही टुकड़ों पे चलते रहे