Kishore Kumar Hits

The Khalnayak - Mahakaal şarkı sözleri

Sanatçı: The Khalnayak

albüm: Mahakaal


क्रोध के सहारे टिक रहा अहंकार है
ना सवारी जिसकी वो भी यहाँ सवार है
सच्चाई तो यहाँ उसके आगे एक दीवार है
क्रोध के सहारे टिक रहा अहंकार है
इन पापों की कतार में
हवस का भी है सिलसिला
कर्म की जो तृष्णा है अतृप्त रहती उसकी चाह
इसलिए तो गरजे आज फिर ये आस्मां
डरना इन नज़रों में फिर डरे यहाँ
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
अधर्मी, हवसी, ताण्डवि, कपटी, बलात्कारी है
उसके पापों के करम अब भी वैसे जारी है
अधर्म की ये राह पे तृष्णा दर्द बाटें है
धर्म की है नियति उसी की राह काटे है
इसीलिए तो गरजे आज फिर ये आसमां
डरना इन नज़रों में फिर डरें यहाँ
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
पवन की भाँति हौले से मोती बदल जाएंगे (जाएंगे)
आयुदोष, मृत्युमोक्ष विजय गीत गाएंगे (गाएंगे)
पवन की भाँति हौले से मोती बदल जाएंगे
आयुदोष, मृत्युमोक्ष विजय गीत गाएंगे
निकट-निकट करता कणो में समा वो जाएगा
भविश्य-वर्तमान फिर महाकाल बताएगा
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी
महाकाल आ रहा
महाकाल आ रहा
इन पापों की कड़ी
फिर से जुड़ने लगी

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