रूहानी सी ये बातें कैसी है ये सौगातें चल पडा हु अपनी राहों पर तेरे हाथ की लकीरें थामें, में कहु तू ना जाने, लाखों है ये बहाने, झगड़ते रहते है, फिर भी कहते है, ये दिल किसी की ना माने, के दो दिल मिले थे अब यहाँ, वो खो गए कहाँ जज़्बातों की अलग दुनियां, मत खेल तू यहाँ जबसे चेहरा तेरा देखा, बदलती शामे, बदलता सवेरा, अब पुछु क्यु तू नाराज़ है, थामे हाथ फिर भी में अकेला के दो दिल मिले थे अब यहाँ, वो खो गए कहाँ जज़्बातों की अलग दुनियां, मत खेल तू यहाँ के दो दिल मिले थे अब यहाँ, वो खो गए कहाँ जज़्बातों की अलग दुनियां, मत खेल तू यहाँ मिले है जबसे एक बात है, मेरा मन तेरे साथ है, अब तू ही तू क्या बात है खो गए शामे रात है, खो गए शामे रात है, खो गए शामे रात है