Long years ago we made a tryst with destiny And now the time comes When we shall redeem our pledge Not wholly or in full measure But very substantially At the stroke of the midnight hour When the world sleeps India will awake to life and freedom ♪ ऊँचे कुर्सियों पे बैठे खेले पैसों का ये खेल Fraud-पंती इतनी इनकी फिर भी क्यूँ मिले ना jail? Vote के लिए बजाए जो मंदिरों की घंटी Bathtub में डूबे-उभरे बुलबुले जो झूठ की पीठ पीछे खींचे धागे, जोड़े एक से बढ़कर एक जेब कतरे सारे bank account में करे जो छेद भेड़ियों ने शिक्षा को बनाया काला धंधा फ़ायदा उठाया, फिर लहराया पार्टियों का झंडा देख, समझ, लपेट पहने अपने कपड़े जो ये सफ़ेद बातें ऐसे करते जैसे गरीबों का मसीहा मसीहा! देख, समझ, लपेट इनकी हुक़्म में बस हम सद रहें बिकाऊ सब हैं जैसे कानून को है खरीदा खरीदा! ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल कौन? मेरे खुदा, तू गवाह पर क्यूँ तू मौन? ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल ऊँगलियों पे नाचे आगे-पीछे इनकी है सरकार भाड़ में आज़ादी, भाड़ में गया तेरा अधिकार इमारतों पे रहते ये गरीब की ना जानते मरीज़ों को ज़हर पिला-पिलाके ये जो मारते सिफ़ारिशों से बहरे, देश की ना है फ़िक्र बहरूपिए हैं सारे, जात में लिखा है thug करोड़ के घोटालो में हैं नाम इनके शामिल But public जो चुप रहे तो कुछ ना कर पाएँगे हासिल देख, समझ, लपेट पहने अपने कपड़े जो ये सफ़ेद बातें ऐसे करते जैसे गरीबों का मसीहा मसीहा! देख, समझ, लपेट इनकी हुक़्म में बस हम सद रहें बिकाऊ सब हैं जैसे कानून को है खरीदा खरीदा! ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल कौन? मेरे खुदा, तू गवाह पर क्यूँ तू मौन? ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल कब तक यूँ सहते रहें? कब तक हम चुप रहें? कब तक हम यूँ डरें? कब तक हम जो दबें? अब ना ये सर झुके रोके से ना रुके अब ना ये सर झुके बस हम आगे बढ़ें कब तक यूँ सहते रहें? कब तक हम चुप रहें? कब तक हम यूँ डरें? कब तक हम जो दबें? अब ना ये सर झुके रोके से ना रुके अब ना ये सर झुके बस हम आगे बढ़ें रोके से ना रुके बस हम आगे बढ़ें रोके से ना रुके बस हम आगे बढ़ें रोके से ना रुके रोके से ना रुके बस हम आगे बढ़ें रोके से ना रुके बस हम आगे बढ़ें रोके से ना रुके ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल कौन? (रोके से ना रुके) (बस हम आगे बढ़ें) मेरे खुदा, तू गवाह पर क्यूँ तू मौन? (रोके से ना रुके) (बस हम आगे बढ़ें) ऐ तू बता, इंसाफ़ का क़ातिल कौन?