Kishore Kumar Hits

Mitali Singh - Rivaj - O - Rasm Nibhane Ki şarkı sözleri

Sanatçı: Mitali Singh

albüm: Gulmohar


रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है
रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है
मेरे हो तुम तो ज़माने की क्या ज़रूरत है
दिलों की रस्म दिखाने की क्या ज़रूरत है
दिलों की रस्म दिखाने की क्या ज़रूरत है
ये बात सबको बताने की क्या ज़रूरत है
रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है

तुम आओगे तो बहारें भी साथ आएँगी
तुम आओगे तो बहारें भी साथ आएँगी
तुम आओगे तो बहारें भी साथ आएँगी
गुलों से घर को सजाने की क्या ज़रूरत है
गुलों से घर को सजाने की क्या ज़रूरत है
रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है

पसंद आ गया कोई तो उसे मिल लीजे
पसंद आ गया कोई तो उसे मिल लीजे
पसंद आ गया कोई तो उसे मिल लीजे
किसी हसीन बहाने की क्या ज़रूरत है
किसी हसीन बहाने की क्या ज़रूरत है
दिलों की रस्म दिखाने की क्या ज़रूरत है

तुम आ गए, भरी महफ़िल में रोशनी सी हुई
तुम आ गए, भरी महफ़िल में रोशनी सी हुई
तुम आ गए, भरी महफ़िल में रोशनी सी हुई
बस अब चराग़ जलाने की क्या ज़रूरत है
बस अब चराग़ जलाने की क्या ज़रूरत है
मेरे हो तुम तो ज़माने की क्या ज़रूरत है
रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है
मेरे हो तुम तो ज़माने की क्या ज़रूरत है
रिवाज-ओ-रस्म निभाने की क्या ज़रूरत है

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar