देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया, चेहरा उतर गया देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया लेटा हुआ था कब्र में और दिन गुज़र गया देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया चेहरा उतर गया, चेहरा उतर गया ♪ आवाज़ गूँजती हुई पाज़ेब की गई आवाज़ गूँजती हुई पाज़ेब की गई आवाज़ गूँजती हुई पाज़ेब की गई दरिया में तैरता हुआ कोई भँवर गया दरिया में तैरता हुआ कोई भँवर गया, कोई भँवर गया देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया ♪ जो शख़्स हर गुनाह में शामिल था मेरे साथ जो शख़्स हर गुनाह में शामिल था मेरे साथ जो शख़्स हर गुनाह में शामिल था मेरे साथ हर रोज़ उठ के पूछता हूँ, वो किधर गया हर रोज़ उठ के पूछता हूँ, वो किधर गया, वो किधर गया लेटा हुआ था कब्र में और दिन गुज़र गया, और दिन गुज़र गया देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया, चेहरा उतर गया देखा मुझे तो शाम का चेहरा उतर गया चेहरा उतर गया, चेहरा उतर गया