फ़ासले ऐसे भी होंगे... फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे... ♪ होके ख़ुशबू की तरह फ़ैला था मेरे चारसू होके ख़ुशबू की तरह फ़ैला था मेरे चारसू ...फ़ैला था मेरे चारसू मैं उसे, उसे... मैं उसे महसूस कर सकता था, छू सकता ना था मैं उसे महसूस कर सकता था, छू सकता ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे... ♪ रात भर उसकी ही आहट कान में आती रही रात भर उसकी ही आहट कान में आती रही ...कान में आती रही झाँक कर, झाँक कर... झाँक कर देखा गली में, कोई भी आया ना था झाँक कर देखा गली में, कोई भी आया ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे... ♪ याद करके और भी तकलीफ़ होती थी, अदीम याद करके और भी तकलीफ़ होती थी, अदीम ...तकलीफ़ होती थी, अदीम भूल जाने, भूल जाने... भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा ना था भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा ना था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था फ़ासले ऐसे भी होंगे... फ़ासले ऐसे भी होंगे... फ़ासले ऐसे भी होंगे...