Kishore Kumar Hits

Attaullah Khan - Main Gham Ke Ghar Mein Qaid şarkı sözleri

Sanatçı: Attaullah Khan

albüm: 50 Greatest Hits - Attaullah Khan


उसके होठों पर मेरा नाम जब आया होगा खुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया
होगा सुन के यारों से अफसाना मेरी बर्बादी
का क्या उसे अपना सितम याद ना आया होगा...
मैं गम के घर में केद हूं बेघर नहीं हूं मैं मैं गम के घर में केद हूं
बेघर नहीं हूं मैं मैं गम के घर में कैद ठोकर ना यूं लगा मुझे पत्थर
नहीं हूं मैं मैं गम के घर में कैद हूं बेघर नहीं हूं मैं मैं गम...
खुश रहो के देखते हैं मेरी तबाही को कोई सुहानी शाम का मंजर नहीं हूं
मैं(2=), मैं गम के घर में कैद हूं बेघर नहीं हूं मैं है तस्करा दुखों
का सारे शहर में2 अफसोस एक तेरी जबान पर नहीं हूं मैं2 ठोकर ना यूं लगा
मुझे पत्थर नहीं हूं मैं2 मैं

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar