Kishore Kumar Hits

Ketaki Bhave Joshi - Shri Kunjbihariji Ki Aarti şarkı sözleri

Sanatçı: Ketaki Bhave Joshi

albüm: Jaya Radha Madhava


आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गले में बैजंती माला, बजावे मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लटन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै
बजे मुरछंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिनी संग,
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
जहाँ ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्री गंगा
स्मरण ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच
चरण छवि श्रीबनवारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
चमकती उज्ज्वल तट रेनु, बज रही वृंदावन बेनु
चहुँ दिसि गोपि ग्वाल धेनु
हसत मृदु मंद, चाँदनी चंद, कटत भव फंद
टेर सुनूँ दीन दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar