मेरे मन में, मन में... (कर जाऊँ जो मैंने ठान लिया) मेरे मन में, मन में एक शोर है खिंचती एक डोर है कर जाऊँ जो मैंने ठान लिया वैसे तो होती sweet बातें यहाँ बजें दस तो चाय, coffee तू पिला दे यहाँ यहाँ पर आग बड़ी गरम है, chair बड़ी नरम है Mail पे भेजेंगे bomb, bomb जा के फूटे वहाँ वहाँ पर कल हम आराम से बैठेंगे सपनों को सच हम बनाकर भी देखेंगे Work कितना, load कितना, काम में है ज़ोर इतना ठान ही लिया है, क़िस्मत ठीक है, ले जाए जहाँ मेरे मन में, मन में एक शोर है खिंचती एक डोर है कर जाऊँ जो मैंने ठान लिया चलती रहेगी छोटी बातें यहाँ सपनों की बात बड़ी है आग बड़ी गरम है, chair बड़ी नरम है Mail पे भेजेंगे bomb (यहाँ...) दिल में खिंची एक तान हूँ ऐसी राग छिड़ी है रूह से लहू तक गूँजती है तुम ही बताओ होश कहाँ मेरे मन में, मन में एक शोर है खिंचती एक डोर है कर जाऊँ जो मैंने ठान लिया