ना कोई जाने (जाने) ना कोई जाने (जाने) मैं ना जानूँ खामोशी क्या कहती है मैं ना जानूँ क्या मेरी रूह सहती है चल रहा हूँ, बढ़ते हैं क़दम, पर रुक से गए हम हाल अब बताऊँ कैसे? ना कोई जाने हाल अब बताऊँ कैसे? (हाल अब बताऊँ कैसे?) हाल अब बताऊँ कैसे? ना कोई जाने हाल अब बताऊँ कैसे? हाल अब बताऊँ कैसे? ना कोई जाने इन आँखों में झाँकूँ तो खो जाऊँगा मैं तेरे पीछे-पीछे आ जाऊँ तो खो जाऊँगा मैं अब सुन आवाज़ तू मेरी, क्या-क्या कह जाऊँ तू ही मेरा बसेरा, तुझ में बस जाऊँ तू ना जाने क्या मेरी दुआएँ हैं तू ना जाने, तू दिल में समाई है मैं ना जानूँ कि तुझ बिन जियूँ कैसे मैं ना जानूँ कि ये रात बीती कैसे चल रहा हूँ, बढ़ते हैं क़दम (चल रहा हूँ, बढ़ते हैं क़दम) पर रुक से गए हम (पर रुक से गए हम) हाल अब बताऊँ कैसे? (हाल अब बताऊँ कैसे?) ना कोई जाने हाल अब बताऊँ कैसे? हाल अब बताऊँ कैसे? ना कोई जाने हाल अब बताऊँ कैसे? (हाल अब बताऊँ कैसे?) हाल अब बताऊँ कैसे? ना कोई जाने