गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले ♪ ख़ाबों का दिन है, देखो हवाएँ सुना रही हैं ख़ुशियों की दास्ताँ मैं चूम लूँगा बाहें उठाकर, ख़्वाहिशों का नीला-नीला आसमाँ जाने कहाँ ये बादल चले हैं! किस ओर बूँदों की महफ़िलें हैं? भीगी है रूह मेरी, कैसा ये ख़ुमार चले? चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले ♪ हमने सुना है, छोटे से हाथों में चाहें तो समाए सारा जहाँ हथेलियों में थामे हैं हमारे बुज़ुर्गों की नयी दुआ हम हैं सिकंदर, हम शहजादे छोटे कदम हैं, बड़े हैं इरादें बुरी नज़र से कहो, "हम नज़र उतार चले" चलें भी आओ के गुलशन का कारोबार चले गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले