मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो ♪ मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो तुम को बुलाऊँ, या पलकें बिछाऊँ क़दम तुम जहाँ-जहाँ रखो ज़मीं को आसमाँ बनाऊँ सितारों से सजाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो ♪ मैं तितलियों के पीछे भागूँ मैं जुगनुओं के पीछे जाऊँ ये रंग है, वो रोशनी है तुम्हारे पास दोनों लाऊँ जितनी ख़ुशबुएँ बाग़ में मिलें जितनी ख़ुशबुएँ बाग़ में मिलें मैं लाऊँ वहाँ पे कि तुम हो जहाँ जहाँ पे एक पल भी ठहरूँ मैं गुलसिताँ बनाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो