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Imdad Hussain - Khudaya Khair şarkı sözleri

Sanatçı: Imdad Hussain

albüm: Khudaya Khair


रातों-रातों तारा कोई, चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ, ਸੋਹਨੀਓ रे
तारा चमकीला होगा, चाँद शरमीला होगा
नथ में लगा लेना
ज़रा सी साँवरी है वो, ज़रा सी बावरी है वो
वो सुरमे की तरह मेरी आँखों में ही रहती है
सुबह के ख़ाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो ना मानो तुम, सोते-सोते ख़्वाबों में भी ख़ाब दिखाती है
मानो ना मानो तुम, परी है, वो परी की कहानियाँ सुनाती है

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