कैसे कहूँ राज़ मेरा? क्या लोग कहेंगे? मेरा दिल और मैं, चुप-चुप यूँ हम सहते रहेंगे फिर एक दिन तू जो आएगा हौले से मुझे सहलाएगा रख दूँगा राज़ मेरे तेरे हाथों में बातों-बातों में, बातों-बातों में बातों-बातों में, बातों-बातों में कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है बातों-बातों में बातों-बातों में कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है क्यूँ चुप हो? कैसे राज़ हैं? कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है बात जो दिल की पहले कही थी मैं कितना पछताया था समझा कोई ना, यारों ने मेरे मुझको ही समझाया था पर एक दिन तू जो आएगा हौले से मुझे सहलाएगा रख दूँगा राज़ मेरे तेरे हाथों में बातों-बातों में, बातों-बातों में बातों-बातों में, बातों-बातों में कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है बातों-बातों में बातों-बातों में कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है क्यूँ चुप हो? कैसे राज़ हैं? कह दो दिल में छुपी जो तेरे बात है