तन्हा सफ़र में जो देखा जिसे कभी क्या तू वही ख़्वाब है? यूँ तो है मुमकिन तेरा हो जाना पर तेरा हो पाना है मुश्किल ज़रा कुछ सदियाँ बीती हैं दो पल के साए में हर पल निगाहों में, तेरी दुआओं में है टूटा रोज़ाना जो तेरे ना आने से वो तेरे ही आने से अब है जुड़ा यूँ तो है मुमकिन तेरा हो जाना पर तेरा हो पाना है मुश्किल ज़रा सोचूँ तो कैसे तुझको है पाना या फ़िर ख़ुद को ही मैंने खो जाना ♪ बेमौसम बारिशों में, अनकही ख़्वाहिशों में तन्हा सिफ़ारिशों में तू है ♪ बेमौसम बारिशों में, अनकही ख़्वाहिशों में तन्हा सिफ़ारिशों में तू है बेचैनी के मैं दो पल जीता हूँ एक लम्हे में इन लम्हों के दामन में तू है दस्तक उन यादों की होती है साँसों में उनके सवालों में, मेरे ख़यालों में जिन राहों पर गुज़रे वो लम्हे इबादत के जो तेरी पनाहों में आकर मिला यूँ तो है मुमकिन तेरा हो जाना पर तेरा हो पाना है मुश्किल ज़रा सोचूँ तो कैसे तुझको है पाना या फ़िर ख़ुद को ही मैंने खो जाना