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Prashant Katheriya - Likha Hai Kya Naseebo Mein - Unplugged Reprise şarkı sözleri

Sanatçı: Prashant Katheriya

albüm: Dreams Revisited (Unplugged)


लिखा है क्या नसीबों में, मोहब्बत के ख़ुदा जाने
जो दिल हद से गुज़र जाए, किसी की वो कहाँ माने?
जहाँ जाना नहीं मुमकिन, है दिल को क्यूँ वहीं जाना?
बहुत आईं, गईं यादें
मगर इस बार तुम ही आना

मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती हैं
यहाँ क्या धूप, क्या सावन, हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो क्या होता है बिना दिल के जिए जाना
बहुत आईं, गईं यादें
मगर इस बार तुम ही आना

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