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Prashant Katheriya - Dard Pehle Se Hai Zyada (Unplugged) şarkı sözleri

Sanatçı: Prashant Katheriya

albüm: Dard Pehle Se Hai Zyada (Unplugged)


दर्द पहले से है ज़्यादा
ख़ुद से फिर ये किया वादा
ख़ामोश नज़रें रहें बेज़ुबाँ
अब ना पहले सी बातें हैं
बोलो तो लब थरथराते हैं
राज़ ये दिल का ना हो बयाँ
हो गया कि असर कोई हम पे नहीं
हम सफ़र में तो हैं, हमसफ़र है नहीं
दूर जाता रहा, पास आता रहा
ख़ामख़ाह, बेवजह ख़्वाब बुनता रहा
जाने किसकी हमें लग गई है नज़र
इस शहर में ना अपना ठिकाना रहा
तूने जो ना कहा मैं वो सुनता रहा
ख़ामख़ाह, बेवजह ख़्वाब बुनता रहा

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