ख़्वाब-ख़्वाब टुकड़ों में तोड़ना था तो छोड़ना था तो दिल लगाया क्यूँ था? ख़्वाब-ख़्वाब टुकड़ों में तोड़ना था तो छोड़ना था तो दिल लगाया क्यूँ था? तुझसे रूठा-रूठा हूँ तुझसे भी ना जुड़ पाऊँ इतना टूटा-टूटा हूँ ♪ जो तुमको छीने मुझसे, वो झूठ है दुनियादारी दिल वालों को ना समझे, मैं राख़ करूँ ये सारी जैसे देते हैं ताने वैसे करती तारीफ़ें ये दुनिया ग़म से बोझल, बस देती है तक़लीफ़ें तुझसे रूठा-रूठा हूँ तुझसे भी ना जुड़ पाऊँ इतना टूटा-टूटा हूँ ♪ नाराज़ हुआ मैं ख़ुद से या आज ख़फ़ा हूँ सबसे? एक बार मिला जो मुझको तो पूछूँगा मैं रब से क्या शौक़ चढ़ा था बोलो, क्यूँ तुमने ये इश्क़ बनाया? ये बाँटे दर्द सभी को, ना रास किसी के आया ♪ ख़्वाब-ख़्वाब टुकड़ों में तोड़ना था तो छोड़ना था तो दिल लगाया क्यूँ था? आँख से छलकती हैं चाहतें तेरी यूँ मिटाना था तो बनाया क्यूँ था?