Kishore Kumar Hits

Sachet-Parampara - Bekhayali Remix şarkı sözleri

Sanatçı: Sachet-Parampara

albüm: Bekhayali Remix


बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
"क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए
तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए
मैं जो तुझसे दूर हूँ, क्यूँ दूर मैं रहूँ?
तेरा ग़ुरुर हूँ
आ, तू फ़ासला मिटा, तू ख़्वाब सा मिला
क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ?

बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
"क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए
थोड़ा सा मैं ख़फ़ा हो गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आए
है ये तड़पन, है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे?
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे?

ये जो लोग-बाग़ हैं, जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ?
ये नाकाम प्यार में, ख़ुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ?

रातें देंगी बता, नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ कैसे तुझे? तू तो ख़यालों में साथ है
बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
"क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए

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