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Rahul Vaidya - Aankh Hai Bhari Bhari Aur Tum 2.0 şarkı sözleri

Sanatçı: Rahul Vaidya

albüm: Aankh Hai Bhari Bhari Aur Tum 2.0


मोहब्बत के मुक़द्दर में हर बार जुदाई है
शहर में शोर है, लेकिन मेरे दिल में तन्हाई है

जिसे था टूट के चाहा उसी ने दिल मेरा तोड़ा
मेरे हमराह ने मुझको है तन्हा राह में छोड़ा
छुपा के सारी दुनिया से अश्क अपने बहाता हूँ
उन्हें कैसे बताऊँ मैं, ना उनको भूल पाता हूँ?
आँख है भरी-भरी
और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा
और तुम दिल लगाने की बात करते हो

मेरे दिल में जो रहते थे, हुए हैं आज बेगाने
मेरे दिल में जो रहते थे, हुए हैं आज बेगाने
नज़र मेरी मोहब्बत को लगी किसकी, ख़ुदा जाने
हैं रास्ते धुआँ-धुआँ
और तुम पास आने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी
और तुम मुस्कुराने की बात करते हो

बड़े मासूम थे कल तक, वही मग़रूर बन बैठे
बड़े मासूम थे कल तक, वही मग़रूर बन बैठे
मुझे तन्हाइयाँ देके बड़े मशहूर बन बैठे
दिल है बुझा-बुझा
और तुम गुनगुनाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी
और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा
और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम...

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