ਸੋਚਿਆ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕਦੇ ਹੋਵਾਂਗੇ ਜੁਦਾ ਸੱਚ ਦੱਸਾਂ ਹੁਣ ਤੇ ਚੰਗਾ ਲਗੇ ਨਾ ਖ਼ੁਦਾ मिला था जो मुझको दुआ बन के जा रहा है अब वो हवा बन के ना जाने होके क्यूँ मजबूर जा रही ये जो शहनाइयों की आवाज़ आ रही मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही ये जो शहनाइयों की आवाज़ आ रही मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही ♪ कितनी शिद्दत थी इश्क़ में, यार वे तू जाने और तेरे मोहल्ले वाले मेरे हाथों से सारे छीन रहे हाथ तेरा फिर भी हैं तेरी ज़ुबाँ पे क्यूँ तालें? आशिक़ की रातों की सुबह बन के वफ़ा करते-करते बेवफ़ा बन के अंदर से ख़ुद भी होके चूर जा रही ये जो शहनाइयों की आवाज़ आ रही मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही ये जो शहनाइयों की आवाज़ आ रही मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही ♪ मुझे ख़ुशबू आ रही है जुदाइयों की उसके मोहल्ले से आवाज़ आ रही है शहनाइयों की इस बीमार आशिक़ का कोई तो इलाज कर दो कोई जाओ और शहनाइयों की बंद आवाज़ कर दो