हम दो राही, इन राहों में खिलती सुबह के संग-संग बह चला मन मीठे इशारे, करती हवाएं जाने किस धुन में खोकर बहका है मन थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में हम दो राही, इन राहों में खिलती सुबह के संग-संग बह चला मन मीठे इशारे, करती हवाएं जाने किस धुन में खोकर बहका है मन थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में धुँधले से इन नज़ारों में एक आस है गहरी ज़ुल्फ़ों के साए में कोई धूप है धुँधले से इन नज़ारों में एक आस है गहरी ज़ुल्फ़ों के साए में कोई धूप है समझो न, इस दिल की बात चुपके से कहने दो थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल, इन राहों में थम जाए ये पल सोई सी वादियों में एक प्यास है खोई-खोई निगाहों में एक सवाल है पूछो न, इस दिल की बात संभले न, अनकहे ज़ज्बात थम जाए ये पल थम जाए ये पल थम जाए ये पल थम जाए ये पल