तेरी-मेरी जो बात, चले जो हम साथ मीठी सी कोई याद बनी जागी-जागी सी रात, फीकी सी बरसात मीठी सी कोई याद बनी शामें थमीं कभी, चाँद रुका कभी सपनों की चादरें ओढ़े है आसमाँ होता जो ना था होने लगा, ये जादू कैसा? है शायद यही रंग इश्क़ का जो भी है हुआ होना ही था, ये हम ने माना है शायद यही रंग इश्क़ का, इश्क़ का ♪ किस्से-कहानियाँ, सिलसिला ये रोज़ का चलता रहा, यूँ ही चलता रहा हम को है हैरानियाँ कब हुआ? कैसे हुआ? दिल तेरा, ये दिल तेरा हसरत ये दिल की है कि तुम हो मेरे साथ हरपल लमहा मेरा गुज़रे तेरे साथ शामें थमीं रहें, चाँद रुका रहे सपनों की चादरें ओढ़े है आसमाँ होता जो ना था होने लगा, ये जादू कैसा? है शायद यही रंग इश्क़ का जो भी है हुआ होना ही था, ये हम ने माना है शायद यही रंग इश्क़ का, इश्क़ का इश्क़ का, इश्क़ का इश्क़ का, इश्क़ का इश्क़ का, इश्क़ का इश्क़ का, इश्क़ का