परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना जहाँ दरिया समन्दर से मिला, दरिया नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अंदाज़ वाला है हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता मोहब्बत में एक ख़ुशबू है, हमेशा साथ चलती है कोई इन्सान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता