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Aditya Roy Kapur - Malang (Title Track) [From "Malang - Unleash The Madness"] şarkı sözleri

Sanatçı: Aditya Roy Kapur

albüm: Malang (Title Track) [From "Malang - Unleash The Madness"]


क़ाफ़िरा तो चल दिया इस सफ़र के संग
क़ाफ़िरा तो चल दिया इस सफ़र के संग
मंज़िलें ना डोर कोई, लेके अपना रंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे

मैं बैरागी सा जियूँ ये भटकता मन
मैं बैरागी सा जियूँ ये भटकता मन
अब कहाँ ले जाएगा ये आवारापन?
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे

है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी क्यूँ रुकूँ? ओ

है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी क्यूँ रुकूँ?
छोड़ के आया किनारे, बह सकूँ जितना बहूँ
दिन गुज़रते ही रहे यूँ ही बेमौसम
रास्ते थम जाएँ, पर रुक ना पाएँ हम
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे

रू-ब-रू खुद से हुआ हूँ, मुझमें मुझको तू मिला, हो
रू-ब-रू खुद से हुआ हूँ, मुझमें मुझको तू मिला
बादलों के इस जहाँ में आसमाँ तुझमें मिला
पिघली है अब रात भी, है सहर भी ये नम
ना खुदा मैं तो रहा, बन गया तू धरम
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे

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