क्यूँ इतनी हसीं पलकें तेरी? क्यूँ ज़ुल्फ़ें तेरी साहिल बनी? क्यूँ? हाँ, जज़्बातों की आई बहारें क्यूँ लगे हवा में हैं भरे इशारे? मुझे इतना तू बता ♪ क्यूँ उलझी हुई बातें तेरी? क्यूँ लगती क़रीब साँसें तेरी? क्यूँ? हाँ, जज़्बातों की आयी बहारें क्यूँ लगे हवा में हैं भरे इशारे? मुझे इतना तू बता ♪ परछाइयों में तस्वीरें दिखें आईने में देखूँ तो तू साथ दिखे बरखा की बूँदों में भी साज़ जले सिलवटों में तेरी पहचान दिखे हाँ, जैसे रेत पे लिखे वादे तुम भुला ना दोगे जानूँ मैं कैसे, मुझे इतना तू बता ♪ मेरी जाँ में तू जाँ भरने के बहाने दे ये जहाँ तेरी "हाँ" सुनने में लुटाने दे मेरी जाँ में तू जाँ भरने के बहाने दे तनहा ही सुकून मिला जो छूना चाहे दिल ये फिर से क्यूँ? क्यूँ? क्यूँ? ♪ क्यूँ इतनी हसीं पलकें तेरी? क्यूँ?