इस नहीं का कोई इलाज नही रोज कह देते हो आज नही अरे काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ आखिरी बोली तुम लगाओ तेरे नाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ मुश्किल होता है जवाब देना जब वो खामोश रह कर भी सवाल पूछ लेते हैं ओ पलकें भी चमके रात है नींदों में हमारी पलकें भी चमके रात है नींदों में हमारी आँखों को तेरे ख्वाब छुपाने नहीं आते काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ नाशे किस्सा है मोहब्बत बड़ी लंबी कहानी मैं जमाने से नहीं हारा बस किसी की बात मानी है ओ इतना न याद आया करो, सो न सकें इतना न याद आया करो सो, न सकें सुबह सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की लोगों ने मेरे घर से रस्ते बना लिये सुरमे की तरह पी जा गला तो ने ग़में सुरमे की तरह पी जा गला तो ने ग़में तब जाके चढ़े हैं ग़म उनकी निगाह पे काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ आखिरी बोली तुम लगाओ तेरे नाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ ♪ (तेरे नाम हो जाऊँ) (तेरे नाम हो जाऊँ)