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Gulam Jugni - Kaash şarkı sözleri

Sanatçı: Gulam Jugni

albüm: Kaash


इस नहीं का कोई इलाज नही
रोज कह देते हो आज नही
अरे काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
आखिरी बोली तुम लगाओ तेरे नाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
मुश्किल होता है जवाब देना
जब वो खामोश रह कर भी
सवाल पूछ लेते हैं
ओ पलकें भी चमके रात है नींदों में हमारी
पलकें भी चमके रात है नींदों में हमारी
आँखों को तेरे ख्वाब छुपाने नहीं आते
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
नाशे किस्सा है मोहब्बत
बड़ी लंबी कहानी
मैं जमाने से नहीं हारा
बस किसी की बात मानी है
ओ इतना न याद आया करो, सो न सकें
इतना न याद आया करो सो, न सकें
सुबह सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की
लोगों ने मेरे घर से रस्ते बना लिये
सुरमे की तरह पी जा गला तो ने ग़में
सुरमे की तरह पी जा गला तो ने ग़में
तब जाके चढ़े हैं ग़म उनकी निगाह पे
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
आखिरी बोली तुम लगाओ तेरे नाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ
काश तेरे इश्क़ में नीलाम हो जाऊँ

(तेरे नाम हो जाऊँ)
(तेरे नाम हो जाऊँ)

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