देखो कहाँ आ गए हैं देखो कहाँ आ गए हम अंजाने से रास्ते हैं अंजाने लगते ये मौसम गिरती हैं जब भी ये बारिशें भीगे थे जिनमें तुम-हम देखो कहाँ आ गए हैं देखो कहाँ आ गए हम पूछो ना ग़म, पूछो ना पूछो ना हालत मेरी "आँखें क्यूँ हैं नम?" पूछो ना मैं क्या से क्या हो गई मुझको अब तू और सताना नहीं अब के जाओ तो फिर आना नहीं हाँ, hmm, हाँ कैसे बैठे-बैठे ख़्वाब सारे यूँ टूटे? उम्र-भर को जो संग थे, हाथ ऐसे वो छूटे डरती रातों को अब मैं, नींद जब भी ये टूटे तोड़े दिल कोई अब ना ओ, रब्बा मेरे, वादे करके यूँ झूठे पलकों पे हैं पल वो जो थे संग तेरे, ओ, मेरे पल-भर में ही पल-पल को फिर मोहताज ये क्यूँ हुए? ख़्वाब झूठे ज़रा भी दिखाना नहीं अब के जाओ तो फिर आना नहीं