कस्तूरी तेरी मुझको भाए सारी-सारी रात जगाए सासें मेरी थम सी जाएँ जब भी मुझको नज़र तू आए आलम दिल का मैं कह ना पाऊँ अब दूर तुमसे मैं रह ना पाऊँ तो आजाओ मेरी बाँहों में चुरा के ले जाऊँ कहीं दूर हाँ, कस्तूरी तेरी मुझको भाए सारी-सारी रात जगाए सासें मेरी थम सी जाएँ जब भी मुझको नज़र तू आए ♪ धूप का मकान हो, छत बादलों से ढके तुम रहो, संग मैं रहूँ, कोई दूजा ना आ सके ओस की राज़ाई को ओढ़कर तारे गिनें तुम कहो और मैं सुनूँ, कोई दूजा ना सुन सके ख़्वाहिश मेरी है ये कि तुम से ही हो मेरी हर सुबाह हाँ, कस्तूरी तेरी मुझको भाए सारी-सारी रात जगाए सासें मेरी थम सी जाएँ जब भी मुझको नज़र तू आए आलम दिल का मैं कह ना पाऊँ अब दूर तुमसे मैं रह ना पाऊँ तो आजाओ मेरी बाँहों में चुरा के ले जाऊँ कहीं दूर कस्तूरी तेरी, आए-हाए सारी-सारी रैन जगाए धाड़कन भी मेरी थम सी जाए जब भी मुझको नज़र तू आए