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Shafaullah Khan Rokhri - Bar Bar Tanha şarkı sözleri

Sanatçı: Shafaullah Khan Rokhri

albüm: Bar Bar Tanha


रब्बा दुहाइयाँ
रूठी परछाइयाँ
जाने-अनजाने
मैं बार-बार तनहा
मैं रोज़-रोज़ तनहा
मैं बेशुमार तनहा हुआ
मैं बार-बार तनहा
मैं रोज़-रोज़ तनहा
मैं बेशुमार तनहा हुआ

आँख में नहीं है देखो
क़तरा कोई भी उसका
औरों का तो होना क्या था
अपना भी मैं ना हो सका
दिल की गहराइयाँ
पूछे सच्चाइयाँ
जाने-अनजाने
मैं बार-बार तनहा
मैं रोज़-रोज़ तनहा
मैं बेशुमार तनहा हुआ
मैं बार-बार तनहा
मैं रोज़-रोज़ तनहा
मैं बेशुमार तनहा हुआ

दुनिया का मेला देखूँ, खुदको अकेला देखूँ
दिल अलबेला देखूँ ग़मज़दा
दुनिया का मेला देखूँ, खुदको अकेला देखूँ
दिल अलबेला देखूँ ग़मज़दा
देख ले ऐ दिल बेवफ़ा
चाहतों में कर के वफ़ा
यादों से पा लूँगा मैं, अपना बना लूँगा मैं
जान गँवा लूँगा मैं इस दफ़ा
यादों से पा लूँगा मैं, अपना बना लूँगा मैं
जान गँवा लूँगा मैं इस दफ़ा
मेरी अगवाइयाँ
करती रुसवाइयाँ
जाने-अनजाने
ਮੈਂ "ਯਾਰ, ਯਾਰ" ਕਹਿਣਾ
ਮੈਂ "ਯਾਰ, ਯਾਰ" ਕਹਿਣਾ
ਓੁਹਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਰਹਿਣਾ ਸਦਾ
ਮੈਂ "ਯਾਰ, ਯਾਰ" ਕਹਿਣਾ
ਮੈਂ "ਯਾਰ, ਯਾਰ" ਕਹਿਣਾ
ਓੁਹਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਰਹਿਣਾ ਸਦਾ

(मैं बार-बार तनहा)
(मैं रोज़-रोज़ तनहा)
(मैं बेशुमार तनहा हुआ)
(मैं बार-बार तनहा)
(मैं रोज़-रोज़ तनहा)
(मैं बेशुमार तनहा हुआ)
(मैं बार-बार तनहा)
(मैं रोज़-रोज़ तनहा)
(मैं बेशुमार तनहा हुआ)
(मैं बार-बार तनहा)
(मैं रोज़-रोज़ तनहा)
(मैं बेशुमार तनहा हुआ)

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