माना कि हम यार नहीं, लो तय है कि प्यार नहीं माना कि हम यार नहीं, लो तय है कि प्यार नहीं फिर भी नज़रें ना तुम मिलाना, दिल का एतबार नहीं माना कि हम यार नहीं रास्ते में जो मिलो तो हाथ मिलाने रुक जाना हो, साथ में कोई हो तुम्हारे, दूर से ही तुम मुस्काना लेकिन मुस्कान हो ऐसी कि जिसमें इक़रार नहीं लेकिन मुस्कान हो ऐसी कि जिसमें इक़रार नहीं नज़रों से ना करना तुम बयाँ वो जिससे इनकार नहीं माना कि हम यार नहीं फूल जो बंद है पन्नो में, तुम उसको धूल बना देना बात छिड़ जो मेरी कहीं, तुम उसको "भूल" बता देना लेकिन वो भूल हो ऐसी जिससे बेज़ार नहीं लेकिन वो भूल हो ऐसी जिससे बेज़ार नहीं तू जो सोए तो मेरी तरह एक पल को भी क़रार नहीं माना कि हम यार नहीं