Kishore Kumar Hits

Ram Sampath - Qatl-E-Aam şarkı sözleri

Sanatçı: Ram Sampath

albüm: Raman Raghav 2.0


है गलिमत दिल ये पत्थर हो चूका तमाम हैं
है गलिमत दिल ये पत्थर हो चूका तमाम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए
छोड़ के सारी शरम को शाम की चौखट परे
छोड़ के सारी शरम को शाम की चौखट परे
आइये, आ जाइए ये रात इक हमाम हैं
आइये, आ जाइए ये रात इक हमाम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए
सब सुनाते हैं की हमने हक़ ही क्यूँ तुमको दिया
सब सुनाते हैं की हमने हक़ ही क्यूँ तुमको दिया
जाने जा खुद ही बताये ये कोई इलज़ाम हैं
जाने जा खुद ही बताये ये कोई इलज़ाम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए
है सराफा दिल का और ये वक़्त बोहनी का हुआ
है सराफा दिल का और ये वक़्त बोहनी का हुआ
लाख थी ये चीज़ साहब, कौड़ियो के दाम हैं
लाख थी ये चीज़ साहब, कौड़ियो के दाम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
आपकी आँखों में वरना आज क़त्ल-ए-आम हैं
क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए क़त्ल-ए

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