वफा की राह में आशिक की इद होती है खुशी मनाओ मोहब्बत शहीद होती है झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद दौलत की जंजीरों से तू रहती है आबाद झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद अन्तराल मंदिर में मस्जिद में तू और तू ही है ईमानों में मुरली की तानों में तू और तू ही है आज़ानों में तेरे दम से दिन धर्म की दुनिया है आबाद झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद अन्तराल प्यार की आंधी रुक ना सकेगी नफरत की दीवारों से खून ए मोहब्बत हो ना सकेगा खंजर से तलवारों से मर जाते है आशिक जिंदा रह जाती है याद झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद अन्तराल इश्क बगावत कर बैठे तो दुनिया का रुख मोड़ दे आग लगा दे महलों में और तख्त ए शाह उखाड़ दे सीना ताने मौत से खेले कुछ ना करे फरियाद झिंदाबाद झिंदाबाद झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद आ आ ताज हुकूमत जिसका मजहब फिर उसका ईमान कहाँ जिसके दिल में प्यार ना हो वो पत्थर है ... इंसान कहाँ प्यार के दुश्मन होश में आ हो जायेगा बर्बाद झिंदाबाद झिंदाबाद ए मोहब्बत झिंदाबाद झिंदाबाद झिंदाबाद झिंदाबाद