Kishore Kumar Hits

Adarsh Rao - Falak şarkı sözleri

Sanatçı: Adarsh Rao

albüm: Falak


देखूँ मैं देखूँ इन बादलों की कश्तियों में
भागे मन मेरा कहीं दूर
चाहत है ऐसी इन बादलों की कश्तियों से
उड़ जाऊँ बहकर कहीं दूर
दिल की सुनता ना काहे, खोले सब उलझे धागे
डर क्यूँ लगता कि करे भूल?
भँवरे उठते हैं सारे, अब लागे मन ना माने
रू-ब-रू सपने हैं क़ुबूल
बढ़ता हूँ तेरे ओर
बढ़ता हूँ तेरे ओर
बढ़ता हूँ तेरे ओर
बढ़ता हूँ तेरे ओर

फ़लक तक उड़ता मेरा दिल
के वहीं मुझे जाए सपना मिल
फ़लक तक उड़ता मेरा दिल
के वहीं मुझे जाए सपना मिल
फ़लक तक उड़ता मेरा दिल
के वहीं मुझे जाए सपना मिल-मिल जाए

देखूँ मैं देखूँ ये चाँद-तारे बन के सारे
भागे सवेरे से हैं दूर
अंबर की ऊँची, ऊँची-ऊँची चोटियों पे
चढ़ के दिखता है ऐसा नूर
दिल की सुनता ना काहे, खोले सब उलझे धागे
डर क्यूँ लगता कि करे भूल?
भँवरे उठते हैं सारे, अब लागे मन ना माने
रू-ब-रू सपने हैं क़ुबूल
बढ़ता हूँ तेरे ओर
बढ़ता हूँ तेरे ओर

फ़लक तक उड़ता मेरा दिल
के वहीं मुझे जाए सपना मिल
फ़लक तक उड़ता मेरा दिल
के वहीं मुझे जाए सपना मिल-मिल जाए

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