मैं हर पल यहीं ये सोचा करूँ कि तेरी हँसी का इरादा है क्या तेरी अनकही कहानी को मैं जाने बिना कैसे जिया? तेरी बातों का असर मेरी आँखों में तू देख ले बातों-बातों में तू भी मेरे दिल का हाल जान ले ♪ तेरा आँखों से कहना, "मैं तेरी, तू मेरा" इसकी वजह तो बता मेरा कुछ ना समझना, तेरा रूठ जाना इसकी वजह तो बता खुदगर्ज़ बहाने बनने लगे अब मुलाक़ात यूँ ही होने लगी अब इसकी वजह तो बता वजह कोई भी हो, तेरी क़सम पूछूँगा ना मैं तुझे एक दफ़ा तेरी मर्ज़ी से लिखेंगे पूरी ये दास्ताँ, हम १०० मर्तबा ग़म का साया हो कोई मेरी बाहों में तू रो लेना फिर मुस्कुरा के तू यूँ ही कहना "आँखों में था कुछ तो फ़ँस गया"