Kishore Kumar Hits

Ramil Ganjoo - Bheegi Bhaagi Si şarkı sözleri

Sanatçı: Ramil Ganjoo

albüm: Phir Kabhi


भीगी-भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
भीगी-भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ-आज?
दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ-आ-आ...

तकिए पे ओस की तरह, पानी में बूँद की वजह
सन्नाटों में बिखरे रहे
खुद से खुद ही हूँ क्यूँ ख़फ़ा? बिखरे आईने की तरह
रात गहरी क्यूँ हो चली?
भीगी-भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
भीगी-भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ-आज?
दिल में छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ-आ-आ...

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