काश ये रात ना कटे काश मैं ढूँढता रहूँ खुद को तेरी आँखों में थम जाए वक़्त भी यहाँ थम जाए ये समाँ यहीं इसी मोड़ पर तू ना जाने, तुझे देखा था मैंने ख़्वाबों में कई दफ़ा क्या था वो भी एक ख़्वाब ही? था काग़ज़ी मेरा दिल और तूने लिख दिया उसपे तेरा-मेरा ये फ़लसफ़ा ♪ पिघल रहा है ये आसमाँ थी पल-दो-पल की अपनी दास्ताँ रुक जाते पर तुम कभी होता अपना भी एक आशियाँ हसीं सोचते अब हम यही "आए तुम क्यूँ? जब जाना था यूँ ही" तू ना जाने, तुझे देखा था मैंने ख़्वाबों में कई दफ़ा क्या था वो भी एक ख़्वाब ही? था काग़ज़ी मेरा दिल और तूने लिख दिया उसपे तेरा-मेरा ये फ़लसफ़ा