Kishore Kumar Hits

Ramil Ganjoo - Khaak şarkı sözleri

Sanatçı: Ramil Ganjoo

albüm: Khaak


था ख़ाक ख़्वाबों का, आशियाँ अब सँवर रहा
जो धूल थी निगाहों में जमी हुई, अब पिघल रही
और हम बदल रहे, चल पड़े
वहाँ जहाँ हर एक सवेरा नया

कोसता हूँ मैं अभी उस कल को
सताता है जो अब भी रातों को
पर अब ढल रहा वो चाँद

उठेगा अब सूरज नया जो दफ़्न था
गाएगा दिलकश समाँ जो चुप सा था
अब कल का किसे है पता
क्या पता!
था ख़ाक ख़्वाबों का, आशियाँ अब सँवर रहा
जो धूल थी निगाहों में जमी हुई, अब पिघल रही
और हम बदल रहे, चल पड़े
वहाँ जहाँ हर एक सवेरा नया

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