Kishore Kumar Hits

Dream Note - Kahan Woh Din Gaye şarkı sözleri

Sanatçı: Dream Note

albüm: Girgit Damroo And The Good Trip


बारिशों की शामों में जो
खिड़कियों से बादलों को
देखते आँखों को मूँदे
चूमते होंठों से बूँदें
सौंधी ख़ुशबुएँ मिट्टी की
थी भुलाती फ़िक्र कल की
काग़ज़ों की कश्तियों में
हम बहाते राज़ अपने
कहाँ वो दिन गए?
कहाँ वो खो गए? (खो गए)
कहाँ वो दिन गए?
कहाँ वो खो गए?

कोहरे में डूबी सहर की
हम निकलते सैर करने
डूबने लगता जो सूरज
ढूँढते चादर के कोने
काँपती सर्दी की रातें
आँच पे सिकते वो दाने
खाट पर फिर लेट कर जो
गुनगुनाते थे तराने
कहाँ वो दिन गए?
कहाँ वो खो गए?
कहाँ वो दिन गए?
कहाँ वो खो गए?
अब ना दौड़ेंगे गली में
हम पतंगों को पकड़ने
दूर से ही देख लेंगे
खेल सब अपनी पसंद के
अब ना दौड़ेंगे गली में
हम पतंगों को पकड़ने
दूर से ही देख लेंगे
खेल सब अपनी पसंद के
और इस पार क्या है मिला?
जेबें भरी हैं, सुकून कहाँ
क्या हासिल हो के यहाँ?
सब रह गया है देखो वहाँ
और इस पार क्या है मिला?
जेबें भरी हैं, सुकून कहाँ
क्या हासिल हो के यहाँ?
सब रह गया है देखो वहाँ

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